जमशेदपुर, 25 जुलाई। आज उदित वाणी के संस्थापक संपादक राधेश्याम अग्रवाल के निधन पर जमशेदपुर प्रेस क्लब द्वारा एक शोक सभा बिष्टुपुर क्लब हाउस में आयोजित किया गया था। जिसमें विभिन्न अखबार और चैनल के संपादक, संवाददाता, उप संपादक के अलावा विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र के वरिष्ठ लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर सभी लोगों ने स्वर्गीय राधेश्याम अग्रवाल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्हें कुछ भी चीज जाने की उत्सुकता रहती थी। वह विभिन्न संबंधित विषयों से उपलब्ध दस्तावेज को संभाल के रखते थे। पत्रकार जगत में उनका महत्वपूर्ण स्थान था। जमशेदपुर के पहले दैनिक अखबार निकालने का उनको श्रेय था। वह कभी भी अपने कार्य से समझौता नहीं किया। हरदम सच्चाई को खुलकर लिखते थे। चाहे वह कोई भी बड़ी हस्ती, संस्था या राजनीतिक दल हो। सामाजिक रूप से वे सभी के मदद भी करते थे।
सबसे बड़ी बात मीडिया कर्मियों ने बताया कि कई ऐसे पत्रकार आज अच्छी जगह पर पद स्थापित है, जिसकी शुरुआत उदितवाणी हुई।
उदितवाणी को पत्रकारों के लिए नर्सरी के रूप में देखा जाता रहा है। इस अवसर पर राधे श्याम अग्रवाल जी के सुपुत्र उदित अग्रवाल ने कहा कि हमारे पिताजी कभी भी किसी को अपने द्वार से बिना भेंट किए जाने नहीं देते थे। अनुशासन, सच्चाई, कर्तव्य निष्ठा और निर्भीकता उनके रोम-रोम में बस था।
जमशेदपुर प्रेस क्लब के महासचिव अंजनी पांडे ने कहा कि राधेश्याम अग्रवाल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने 12 वर्ष तक सहायक आयुक्त सेल्स टैक्स के रूप में काम किया और अपने क्लास वन नौकरी को छोड़कर जुगसलाई में उन्होंने जमशेदपुर का पहला हिंदी दैनिक शुरू किया।
जमशेदपुर।