जमशेदपुर में सीजीपीए अध्यक्ष पद को लेकर एकबार फिर से विवाद छिड़ गया है. आपको बता दें कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरमुख सिंह मुखे पर गुरुचरण सिंह बिल्ला पर जानलेवा हमला कराने का आरोप साबित होने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था।
इस घटना के बाद सरदार महेंद्र सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद 5 सदस्यीय कमेटी ने सरदार महेंद्र सिंह को हटाकर गुरमुख सिंह मुखे को फिर से अध्यक्ष बना दिया. इसको लेकर सिख संगत ने पुरजोर विरोध करते हुए जब तक पूरे मामले में गुरमुख सिंह मुखे पाक- साफ होकर बाहर नहीं आ जाते तब तक उन्हें अध्यक्ष के पद पर नहीं रहने की बात कही. संगत ने सरदार महेंद्र सिंह को पद से हटाए जाने का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने बताया, कि कोई भी कमेटी कानून से चलती है. जबरन कानून का उल्लंघन कर कोई व्यक्ति प्रतिष्ठित पद पर नहीं बैठ सकता है. वैसे गुरमुख सिंह मुखे को लेकर सिख समुदाय दो खेमों में बट गया है. जो आने वाले दिनों इधर इस पूरे मामले में गुरुमुख सिंह मुखे ने गुरचरण सिंह बिल्ला पर साजिश के तहत उन्हें फंसाने का आरोप लगाते हुए साफ कर दिया है, कि वे सीजीपीए के इलेक्टेड प्रधान है. उनकी प्रधानी को चुनौती देने के बजाय वे न्यायालय में सबूत के साथ जाएं और उन्हें सजा दिलाएं. उन्होंने गुरचरण सिंह बिल्ला पर चुनाव के दौरान भी छवि धूमिल करने का आरोप लगाया. साथ ही गुरचरण सिंह बिल्ला को आतंकवादी बताया और कहा बेअंत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी गुरचरण सिंह बिल्ला है. और जमशेदपुर पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर वह अवैध हथियार लेकर घूम रहा है. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग एसएसपी से की है।