जमशेदपुर में पत्रकार अर्नब के समर्थन में भाजपा उतरी सड़क पर, मशाल जुलूस निकालकर जताया विरोध

जमशेदपुर ब्यूरो : महाराष्ट्र में पत्रकार अर्नब गोस्वामी के बलपूर्वक गिरफ्तारी पर पूरे देश में उबाल है। लौहनगरी जमशेदपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के समर्थन में एवं कॉंग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार के विरोध में मशाल जुलूस निकाला।
गुरुवार को भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला कार्यालय से साकची गोलचक्कर तक मशाल जुलूस निकालकर विरोध दर्ज किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में पार्टी ध्वज व मशाल लेकर उद्धव सरकार व कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और अर्नब गोस्वामी को रिहा करने की माँग की। मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी के इशारे पर देश के चौथे स्तंभ के विरुद्ध दमनात्मक कार्रवाई कर पावर का दूरूपयोग कर रही है। और यही कांग्रेस का असली चरित्र है। महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की इस कार्रवाई ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल की याद दिला दी है। जिस तरह से काँग्रेस के एक परिवार ने 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी, आज भी उसी परिवार के इशारे पर महाराष्ट्र सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवाद की आवाज़ को सरेआम रौंदा जा रहा है और यह गांधी परिवार के इशारे पर हो रही है । यूपीए 2 में जिस तरह घोटाले के सारे रिकॉर्ड तोड़े गए उन घोटालों को उजागर करने में अर्नव गोस्वामी की बहुत बड़ी भूमिका रही। चाहे वो 2010 का कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में कांग्रेस पार्टी की संलिप्ता हो या कारगिल के शहीदों के लिए बनाए गए आदर्श सोसाईटी घोटालों में महाराष्ट्र में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री के नामों का उजागर करने की बात हो। अर्नव गोस्वामी ने पालघर में संतो की हत्या और सुशांत वाले केस में महाराष्ट्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाया। इन सब मामलों से जाहिर है कि उद्धव सरकार ने बदले की भावना से कार्रवाई की है। गुंजन यादव ने कांग्रेस गठबंधन वाली हेमंत सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के बयान पर उनके ऊपर राज्यद्रोह का केस दर्ज कर और उनके व्यक्तव्य को अखबार में छपने वाले पत्रकारों को थाना बुलाना भी उसी लोकतंत्र की हत्या जैसी ही घटना है। उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी के लिए और उनके सम्मान में भाजपा कंधे से कंधा मिलाकर ताकत देगी। महाराष्ट्र सरकार, कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र पुलिस को अपने इस व्यवहार के लिए देश को जवाब देना होगा।
इस दौरान प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा, कल्याणी शरण, पवन अग्रवाल, सुधांशु ओझा, संजीव सिन्हा, बारी मुर्मू, बबुआ सिंह, अनिल मोदी, राकेश सिंह, मंजीत सिंह, पुष्पा तिर्की, पप्पू सिंह, प्रेम झा, नारायण पोद्दार, विनोद कुमार सिंह, कौस्तव राय, जटा शंकर पांडेय, हरिकिशोर तिवारी, बजरंगी पांडेय, सुरेश शर्मा, जितेंद्र सिंह, संतोष ठाकुर, अजय सिंह, बबलू गोप, राजेश सिंह, प्रशांत पोद्दार, विनोद राय, संजय सिंह, संदीप शर्मा बॉबी, हेमेंद्र जैन, त्रिदेव चटराज, काजू सांडिल, श्रीराम प्रसाद, भूपेंद्र सिंह, हरि किशोर तिवारी, मनोज वाजपेयी, कुमार अभिषेक, सुमित श्रीवास्तव, प्रदीप मुखर्जी, अभिमन्यु सिंह चौहान, गणेश मुंडा, मोंटी अग्रवाल समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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