पपीता के पौधों को खूब भा रहा है कालीमाटी पंचायत का आवो हवा

जमशेदपुर ब्यूरो : जी हां, पूर्वी कालीमाटी पंचायत का आवो- हवा पपीता के पौधों को खूब भा रहा है। स्थानीय सोपोडेरा निवासी लक्ष्मण प्रसाद इस बात को भलि-भांति जान चुके हैं। तभी तो वो पपीता की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। अपनी किसानी सोच और देशी तरकीब से पपीता का जो नश्ल तैयार किए हैं वह देखते ही बनती है। महज डेढ़ से दो फीट की ऊंचाई से पपीते के पौधें में लदर – बदर फल लग रहे हैं। पपीते के पौधों में लगे फलों की गुणवत्ता एवं सुंदरता हर किसी को मोहित करता है। सचमुच लक्ष्मण प्रसाद की किसानी एवं खेती- बाड़ी के प्रति जुनून लोगों को प्रेरित करता है।
लक्ष्मण बाबू को बचपन से है खेती-बाड़ी का शौक।

लक्ष्मण प्रसाद उम्र के 75 वें पड़ाव पर है परंतु शरीर से इस कदर फीट है कि उन्हे देखकर कोई भी गच्चा खा जाएं। उनका शौक ही उन्हे फीट रखा है। प्रात :काल उठकर खेत में लगे पौधों को निहारना , उसकी सिंचाई करना, पौधों को कीट- पतंगों से बचाने के लिए हर संभव: उपाय करना आदि उनकी दिनचर्या है। हर रोज लक्ष्मण बाबू अपने खेत में तीन से चार घंटे वक्त बिताते हैं। गोभी, बैगन, हल्दी , मिर्च, पालक, सरसो के आलावे कई तरह के पेड़ – पौधे लक्ष्मण बाबू अपने खेत में लगाएं हैं। लक्ष्मण प्रसाद कहते हैं आधुनिकता के इस युग में लोग परंपरागत खेती से विमुक्त हो गये हैं । लोग क्वाटरों तक सीमित होकर रह गये हैं। लेकिन आज भी ऐसे लोग है जो किसानी की शौक रखते हैं। परंतु उनके पास जगह का अभाव है। ऐसे लोगों कीचन गार्डेन शुरूकर अपनी शौक को पूरा कर सकते हैं। जो वक्त की मांग भी है। लक्ष्मण प्रसाद कहते हैं आज बाजारवाद ने लोग के स्वास्थ्य को भूला दिया है। मुनाफाखोरी के चक्कर में लोगों को पैसे लेकर मौत परोसा जा रहा है। खेतों में जहरीले रसायन का उपयोग तथा छिड़काव लोगों के जीवन को घुन की तरह बर्बाद कर रहा है। आज जरूरत है ऐसे खेती एवं उत्पाद से सजग एवं सतर्क रहने की।
ग्लोब टीबी झारखण्ड के लिए जमशेदपुर से वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार की रिपोर्ट।