भारतीय जनगणना 2021 में “कुड़मालि” भाषा कोड लागु कराने को लेकर मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

आज दिनांक 07 नवंबर 2020 को आदिबासि कुड़मि समाज, झाड़खंड प्रदेश का एक प्रतिनिधि दल प्रदेश अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो काछिमा के नेतृत्व और वरिष्ठ समाजसेवी सह झामुमो के केंद्रीय सचिव आस्तिक महतो डुमरिआर के अगुवाई में माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात कर आगामी भारतीय जनगणना 2021 में “कुड़मालि” भाषा कोड लागु कराने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। मौके पर माननीय पूर्व मंत्री सह टुंडी विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो भी मौजूद रहे, जिन्हें भी ज्ञापन दिया गया। इस संबंध में दिनांक 13 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय में एक आवेदन जमा किया गया था। विदित हो कि राज्य के लगभग 70-80 लाख और सम्पूर्ण भारत में लगभग दो करोड़ से भी अधिक गुसटिधारि कुड़मि जनजाति समुदाय द्वारा बोली जाने वाली जनजातीय भाषा कुड़मालि को राज्य में द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है एवं झारखंड के पाँच एवं प. बंगाल के एक सहित कुल छ: विश्वविद्यालयों में कुड़मालि भाषा का पठन-पाठन होता है। मगर पिछले कुछ जनगणनाओं से कुड़मालि भाषा का कोड नहीं दिया जा रहा है, अपितु उसके स्थान पर कुड़मालि ठार का कोड दिया जा रहा है, जो कुड़मालि नहीं अपितु इसका अपभ्रंश है। कुड़मालि भाषा कोड स्पष्ट ना होने के वजह से उक्त भाषा की संख्या भी पूर्णतया स्पष्ट नहीं हो पा रही है, जिससे संबंधित समुदाय भाषा संबंधी विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं लाभ से वंचित होता आ रहा है। साथ ही भाषा संग जुड़े संस्कृति व परंपराओं पर भी लगातार कुठाराघात हो रहा है। इसके अलावे दिग्भ्रम की स्थिति से कुड़मालि भाषा की संख्या अन्य भाषाओं, यथा करमाली इत्यादि में समाहित कर दी जा रही है।

ज्ञातव्य हो कि इस संबंध में दिनांक 06 अगस्त 2020 को आदिबासि कुड़मि समाज, झाड़खंड प्रदेश द्वारा एक ज्ञापन जनगणना संचालन निदेशालय, झारखंड सरकार, राँची के माननीय निदेशक महोदय के द्वारा भारत सरकार, नई दिल्ली के माननीय महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त महोदय को प्रेषित किया गया है, जिसे उक्त विभाग द्वारा दिनांक 19 अगस्त 2020 को अग्रसारित किया गया है। मगर अब तक इस संबंध में कोई भी प्रतिउत्तर नहीं मिल पाया है, जो चिंताजनक है। अगर कोड नहीं मिलता है, तो सम्पूर्ण कुड़मि समुदाय अपने हक-अधिकार के लिए कुछ अलग सोचने को विवश होंगे। जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से मामले का खुलासा करते हुए आगे की रणनीति साझा की जायेगी।

इसके इतर संगठन द्वारा सालों से राँची से दिल्ली तक और हर मंच पर उठाते अपने मुख्य माँगों में से एक “सारना” धर्म कॉलम को राज्य सरकार द्वारा लागु कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए संगठन इसका पुरजोर समर्थन करती है। ज्ञापन देने में प्रदेश महासचिव बैजनाथ महतो मुतरुआर, केंद्रीय सह सचिव रुपलाल महतो केटिआर, प्रदेश उपाध्यक्ष निरंजन बंसरिआर, प्रदेश सदस्य गदाधर महतो, सरायकेला-खरसावां जिला संयोजक मनोज टिड़ुआर, बोकारो जिला संयोजक आनंद महतो पुनरिआर, चतरा जिलाध्यक्ष योगेश्वर महतो, रामगढ़ जिला संरक्षक मथुरा महतो आदि मौजूद रहे।

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