मनरेगा कोई योजना नहीं_एक अधिनियम है

केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार) क्षेत्रीय निर्देशालय जमशेदपुर के तत्वधान में खरसावां प्रखंड अंतर्गत ग्राम  बुरूगुटु के आंगनवाड़ी केंद्र में”द्वि दिवसीय मनरेगा श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम”का आयोजन दिनांक 11/11/2020 से 12/11/2020 को किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन बोर्ड के शिक्षा पदाधिकारी श्री राजकिशोर गोप ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति लॉक डाउन के चलते चिंताजनक है। केंद्र सरकार ने 8 करोड़ अप्रवासी श्रमिकों के कल्याण हेतु मनरेगा मद में लगभग 11499 करोड़ अतिरिक्त राशि प्रदान की है ताकि आप्रवासी श्रमिकों को ग्रामीणों क्षेत्रों में ठीक से पर्याप्त काम मिल सके। इसके अलावा सरकार नहीं मनरेगा में मजदूरी दर 182 रुपए से बढ़कर 202 रुपए कर दी है। आगे उन्होंने कहा कि श्रमिकों में मनरेगा के प्रति उदासीन रवैया होने के कारण वे काम के प्रति रुचि नहीं रखते हैं। श्रमिकों में जागरूकता की कमी के कारण मनरेगा के तहत काम प्राप्त करने में पीछे हैं।
आगे श्री गोप ने कहा कि मनरेगा कोई योजना नहीं बल्कि एक अधिनियम है जिसके तहत पंजीकृत कार्ड धारियों को साल में एक सौ दिन काम देने का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत वर्ष 2020_2021 में 61500 करोड़ रुपए का बजट रखा है। पूरे देश में मनरेगा के तहत 13.62 करोड़ कार्ड धारी है जिसमें 8.17 करोड़ सक्रिय कार्ड धारी है। जो साल में एक सौ दिन काम करते हैं। उन्होंने आगे इस कानून का पूरा लाभ उठाने का आह्वान श्रमिकों से किया। ताकि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित श्रम दिवस के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।
इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को दीनदयाल, उपाध्याय, कौशल योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान, आयुष्मान भारत योजना,

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