कुड़मियो की मातृभाषा कुड़मालि को जनगणना की भाषा सूची में शामिल करने कि मांग सदन के माध्यम से मुख्यमंत्री जी से की है।

झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में बुधवार को पूर्व मंत्री सह टुंडी के विधायक माइनगर मथुरा प्रसाद महतो एवं रामगढ़ के विधायक माइनगरि ममता देवी ने कुड़मियो की मातृभाषा कुड़मालि को जनगणना की भाषा सूची में शामिल करने कि मांग सदन के माध्यम से मुख्यमंत्री जी से की है। उन्होंने कहा कि झारखंड के साथ-साथ पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में लाखों की संख्या में कुड़मि जनजाति के लोग निवास करते हैं और आपसि बोलचाल में कुड़मालि भाषा का प्रयोग करते हैं। विधायक माइनगरि ममता देवी जी ने कहा कि दुर्भाग्यवश करोड़ों लोगों के द्वारा बोले जाने वाले इस कुड़मालि भाषा को जनगणना के भाषा सूची में शामिल नहीं होने से एक महत्वपूर्ण आदिम विशेषता से परिपूर्ण भाषा और संस्कृति का अस्तित्व ही खतरे में है। माननीय विधायक ने सदन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि कुड़मियो की मातृभाषा कुड़मालि को जनगणना 2021 की भाषा सूची में शामिल की जाए ताकि कुड़मालि भाषा के अस्तित्व को बचाया जा सके। इस कार्य के लिए आदिवासि कुड़मि समाज दोनों विधायक को धन्यवाद सह आभार प्रकट करते हुए। यह आसा सकती है कि बहुत जल्द इस कार्य को अमलीजामा पहनाएंगे। साथ ही साथ हम आदिवासियों की पुरानी मांग सरना धर्म कलम को झारखंड विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजने के लिए। झारखंड सरकार का धन्यवाद सह आभार प्रकट करती है आदिवासि कुड़मि समाज जिला पूर्वी सिंहभूम संयोजक मंडली टीम।

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