पटमदा प्रखण्ड क्षेत्र में 16 से 19 लाख की लागत से 2 कमरों वाले विद्यालय भवन में घोर अनियमितता देखी जा रही है।
Jamshedpur – -पटमदा प्रखण्ड क्षेत्र में 16 से 19 लाख की लागत से 2 कमरों वाले विद्यालय भवन में घोर अनियमितता देखी जा रही है। कार्य पूर्ण होने से पहले ही हल्की वारिश में ही बिल्डिंग के छत से कई जगह पानी का सीपेज हो रहा है. भवन पूर्ण हुए बिना ही संवेदक शिक्षक पर अधिग्रहण के लिए दबाव बना रहे हैं जबकि विद्यालय भवन मापदंड के अनुसार पूर्ण हुआ भी नहीं है अभी तक वही मामले पर क्षेत्र के विधायक मंगल कालिंदी ने कहां की भवनों को स्वयं निरीक्षण कर संवेदक एवं इंजीनियर द्वारा कार्य में लापरवाही बरती गई है तो कार्रवाई की मांग जमशेदपुर उपायुक्त से करेंगे.
मामले के संबंध में बता दें कि प्राथमिक विद्यालय पाथरडीह में रैंप, सीढी(स्टेप) फ्लोर का स्टोन सही तरीके से नहीं बना है इसके बाद भी संवेदक व अभियंता द्वारा 20 मई 2020 को भवन का कार्य पूर्ण दिखाकर शिक्षक रवि नरेश पर बिल्डिंग अधिग्रहण का दबाव बना रहे हैं वहीं शिक्षक का कहना है जब तक बिल्डिंग पूर्ण नहीं होता हम अधिग्रहण नहीं कर सकते हैं। दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालय झाड़बामणी का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है मगर पहली बारिश में ही बिल्डिंग में छह जगह पानी का सीपेज हो रहा है शिक्षक अनीता साहू कुजूर और ग्रामीण के लिए चिंता का विषय है कि बिल्डिंग अभी तक पूर्ण नहीं हुआ और छत से पानी से टपक रहा है आगे इस भवन का क्या होगा वही इस भवन में रैंप बना ही नहीं ।
वहीं उच्च विद्यालय चौरा जहां वर्ग 1 से 10 तक की पढ़ाई होती है उच्च विद्यालय में पांच ही कमरे हैं इस विद्यालय में भी दो कमरों वाला विद्यालय भवन का निर्माण महीनों से अधूरा है बच्चों को पठन-पाठन में दिक्कत ना हो इसको लेकर और भवन की आवश्यकता है मगर लगभग 11 महीने से बन रहे दो कमरे का भवन आधा अधूरा पड़ा है। इस विद्यालय में वर्ग 1 से 10 तक में 400 बच्चे पठन-पाठन करते हैं यहां के स्थानीय लोगों व प्रभारी शिक्षक डाॅ समीर कुमार का कहना है कि बिल्डिंग मापदंड के अनुसार नहीं बनाया जा रहा है भवन निर्माण में ढलाई के बाद संवेदक द्वारा एक दिन भी पानी हीं डलवाना काफी चिंता का विषय है। कुल मिलाकर पटमदा प्रखंड में विभिन्न मदों से जिन विद्यालयों में विद्यालय भवन की आवश्यकता थी उन विद्यालयों को दो कमरे वाला विद्यालय भवन 16 से 19 लाख की लागत से बनाया जा रहा है। यह कार्य दिसंबर 19 से किया जा रहा है मगर विद्यालय भवनों के निर्माण में अभियंता व संवेदक की मिलीभगत से घोर अनियमितता बरती जा रही है लगातार ग्रामीणों, शिक्षकों की शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं किया जा रहा है. दूसरी ओर कई बिल्डिंग के संवेदक प्रभारी शिक्षक पर ही अधिग्रहण का दबाव बना रहे हैं शिक्षक काफी परेशान नजर आ रहे हैं शिक्षक अब यह सोच रहे हैं कि हम न्याय के लिए जाए तो कहां जाए संवेदक अपनी मर्जी से जैसा चाह रहे हैं भवन का निर्माण कर रहे हैं. विद्यालय प्रभारी या प्रबंध समिति के अध्यक्ष या सदस्यों को संवेदक, विभाग या अभियंता द्वारा किस प्रकार का भवन निर्माण होगा, क्या-क्या कार्य करना है किसी प्रकार की सूचना नहीं दिया गया है। 11 माह बाद भी योजना स्थल पर सूचनापट्ट भी नहीं लगाया गया है, लगाया गया है तो मात्र शिलान्यास पट्ट।

