लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जहां एक तरफ छठ व्रत धारियों में उत्साह का माहौल है वहीं दूसरी तरफ आयोजक समितियों व जिला प्रशासन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जहां एक तरफ छठ व्रत धारियों में उत्साह का माहौल है वहीं दूसरी तरफ आयोजक समितियों व जिला प्रशासन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है कोरोना को देखते हुए नदी घाटों के साथ-साथ अस्थाई तौर पर व घरों पर लोग इस पर त्यौहार को संपन्न कराने में जुटे हुए है

2 दिन पहले सरकार ने लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर गाइड लाइन में संशोधन किया और लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सारी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए त्यौहार को संपन्न करने का आग्रह भी किया वही इतने कम समय होने पर नदी घाटों में आयोजक समितियों के लिए एक बड़ी चुनौती उत्पन्न हो गई यहां शहर के विभिन्न नदी घाटों में जलस्तर में कमी और बदबू की समस्या से आयोजक समिति जूझ रहे है,इस संबंध में जिला प्रशासन से डैम का फाटक खोलने का आग्रह किया जा रहा है ताकि नदी का जलस्तर बढ़े और बदबू की समस्या से श्रद्धालुओं को निजात मिले, वही जुगसलाई स्थित महाकालेश्वर छठ घाट के आयोजक समिति सदस्य जयंत सिंह ने बताया कि आम लोगो से आग्रह किया जा रहा है कि कम से कम लोग ही नदी घाट पर आए उन्होंने बताया कम समय होने पर जितना हो सके उनके द्वारा तैयारी की जा रही है और सभी के समक्ष एक बड़ी समस्या नदी का जलस्तर और जल में बदबू की समस्या है जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों से डैम खोलने का आग्रह किया है,उन्होंने बताया जितने भी श्रद्धालु नदी घाट पर पहुंचेंगे सामाजिक दूरी का पालन हो सभी मास्क पहने इन सब का ध्यान रखा जाएगा

नदी घाटों में ज्यादा भीड़ ना हो इसके लिए अस्थाई तौर पर घाट तैयार किए जा रहे हैं पर अस्थाई घाट पर भी भीड़ ना हो इसका पूरा ख्याल अस्थाई घाट समिति द्वारा रखा जा रहा है वही जुगसलाई आर पी पटेल परिसर में बने अस्थाई घाट को तैयार करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि 20 वर्षों से अस्थाई तौर पर घाट का निर्माण किया जा रहा है पर इस कोरोना काल पहले जिला प्रशासन के निर्देश पर पूजा नहीं करने का निर्णय लिया गया था दोबारा सरकार के गाइडलाइन आने के बाद तैयारी जोर शोर से की जा रही है उन्होंने बताया कोरोना काल मे घाट का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है बावजूद इसके पूरे स्थानीय लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे कोशिश करें घर पर ही रहकर इस त्यौहार को संपन्न कराएं उन्होंने बताया जिला प्रशासन की गाइड लाइन का पूरा पालन करना उन सभी की पहली प्राथमिकता है

सरकार ने गाइडलाइन जारी कर नदी घाटों जलाशयों में अर्घ देने की अनुमति जारी तो कर दी है पर संक्रमण को देखते हुए ज्यादातर लोग घरों पर ही रह कर अपने बागान छतो पर आस्थाई कुंड बना कर पूजा करने की तैयारी में जुटे हुए हैं क्या बड़े क्या बच्चे सभी परिवार के सदस्य लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा तैयारी में जुटे हुए हैं,वही जानकारी देते हुए श्रद्धालु जूली सिंह ने बताया कि वे सभी नदी घाटो में ही हर वर्ष पूजा संपन्न करते थे पर इस कोरोना माहमारी को देखते हुए अस्थाई तौर पर घरों के आंगन पर ही यह भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे उन्होंने बताया घनी आबादी वाले क्षेत्र के ज्यादातर लोग घर पर ही इस बार पूजा करने का निर्णय लिया है क्योंकि कोरोना का प्रकोप थमा नहीं है, साथ ही उन्होंने बताया घर पर भी पूजा के दौरान सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाएगा

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