पद्मश्री प्रोफ़ेसर दिगंबर हांसदा कि मौत से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है

पद्मश्री प्रोफ़ेसर दिगंबर हांसदा कि मौत से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है 82 वर्षीय प्रोफ़ेसर दिगंबर हांसदा ने अपने करंडीह स्थित निवास स्थान में अंतिम सांसे ली इधर उनके निधन की खबर मिलते ही जनप्रतिनिधियों समेत जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी उनके निवास स्थान पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

करंडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज के संस्थापक पद्मश्री प्रोफ़ेसर दिगंबर हादसा एलबीएसएम कॉलेज में प्राचार्य के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान की, संथाली भाषा को विश्व पटल पर ले जाने के लिए उन्होंने अभूतपूर्व योगदान दिया है उनका निधन शिक्षा व साहित्य के जगत में एक अपूरणीय क्षति है बता दे 82 वर्षीय प्रोफ़ेसर दिगंबर हादसा वृद्धावस्था में काफी कमजोर हो गए थे और अपने निवास स्थान पर उन्होंने अंतिम सांस ली वहीं उनके पुत्र सुदीप हांसदा ने बताया कि सांथाली भाषा के लिए उनके पिता समर्पित थे,साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा कई कार्य किए गए उन्होंने बताया वृद्धा अवस्था से कुछ दिनों से वे काफी कमजोर हो गए थे और घर पर ही उन्होंने अंतिम सांस ली

उनके निधन की खबर मिलते ही राज्य के परिवहन मंत्री क्षेत्र के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत जिले के उपायुक्त और एसएसबी भी उनके निवास स्थान पहुंचे उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया साथ ही परिवार के लोगो के साथ कुछ समय बिता कर उन्हें सांत्वना दिया वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि प्रोफेसर दिगंबर हांसदा ने संथाल समाज के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया, एलबीएसएम कॉलेज की स्थापना समेत भारत के संविधान का अनुवाद उन्होंने संथाल भाषा में किया, उन्होंने कहा केवल संथाल समाज ही नहीं समाज के हर वर्ग के लिए उन्होंने कई कार्य किए आज उनके निधन से राज्य समेत पूरे देश में एक अपूर्ण क्षति हुई है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती उन्होंने ऐसे महापुरुष के लिए राज्य सरकार से मांग की की राजकीय सम्मान के साथ पद्मश्री प्रोफ़ेसर दिगंबर हंता का अंतिम संस्कार हो

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