पद्मश्री प्रोफेसर दिगंबर हांसदा को पूरे राजकीय सम्मान के साथ बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट में अंतिम विदाई दी गई
पद्मश्री प्रोफेसर दिगंबर हांसदा को पूरे राजकीय सम्मान के साथ बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट में अंतिम विदाई दी गई इस दौरान राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन समेत,विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के विधायक और जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे जहां सभी ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी.
करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज के संस्थापक पद्मश्री प्रोफ़ेसर दिगंबर हांसदा एलबीएसएम कॉलेज में प्राचार्य के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान की, संथाली भाषा को विश्व पटल पर ले जाने के लिए उन्होंने अभूतपूर्व योगदान दिया, शिक्षा व साहित्य के जगत में उनके द्वारा किए गए कार्य अतुलनीय है जहां उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई ,82 वर्षीय प्रोफेसर दिगंबर हांसदा ने करंडीह स्थित अपने निवास स्थान पर अंतिम सांसे ली जहां शुक्रवार को दूसरे दिन पूरे राजकीय सम्मान के साथ बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी गई, तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को करंडीह उनके निवास स्थान से बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट लाया गया जहां मंत्री चंपई सोरेन, विधायक रामदास सोरेन, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी, समीर महंती, पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा, जिले के उपायुक्त सूरज कुमार एसएसपी एम तमिलवानन कई प्रशासनिक अधिकारियों व उनके परिवार के सदस्यों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया जहां सभी ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी वही पुलिस जवानों ने तीन चक्र फायरिंग कर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जहां पंचतत्व में उनका पार्थिव शरीर विलीन हो गया, वही मंत्री चंपई सोरेन ने उनके निधन को अपूर्ण क्षति बताया उन्होंने बताया आज जरूरत है उनके बताए रास्ते को किए गए कार्यों को प्रेरणा स्वरूप लेते हुए अपने जीवन में उतारने की.

