फिर धरने पर किसान, सरकार को आज देंगे बिल पर अपनी आपत्तियां, कल अगले दौर की बातचीत

किसानों और केंद्र सरकार में बात ना बन पाने के कारण प्रदर्शन अभी रुका नहीं है. किसानों ने आंदोलन को और धार देने की बात कही है, जिसके कारण दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान अबतक अपनी जंग लड़ रहे हैं. पिछले करीब एक हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं. केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बीते दिन जो बातचीत हुई, उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. इस वजह से किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक कि ये कानून वापस नहीं हो जाते हैं.

अब आंदोलन का क्या हो रहा है?
किसानों ने अपनी मांगें मानने तक आंदोलन से पीछे हटने से इनकार कर दिया है. यानी सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत अन्य जगह जो किसानों का जमावड़ा है वो लगातार जारी रहेगा. इतना ही नहीं पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अधिक संख्या में दिल्ली कूच की बात कही है. यानी आने वाले दिनों में किसानों की संख्या बढ़ सकती है. यूपी सीमा पर तैनात किसान पहले ही अस्थाई घर बनाने की बात कह चुके हैं.

सरकार और किसानों की बैठक में क्या हुआ?
करीब 35 किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को बैठक हुई. इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल समेत अन्य नेता शामिल रहे. किसानों को MSP पर प्रेजेंटेशन दी गई, साथ ही मंडी सिस्टम को लेकर जानकारी दी गई. हालांकि, किसानों का एक ही सवाल रहा कि क्या सरकार MSP को कानून का हिस्सा बनाएगी. जब बातचीत खत्म हुई तो कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. तीन घंटे की चर्चा के बाद किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, वहीं सरकार ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है, तीन दिसंबर को फिर से चर्चा होगी. 

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