परसूडीह में एक बैंक ऐसा जहां उपभोक्ताओं की हर दिन होती है तू-तू-मैं-मैं!

लाॅक डाउन के समय से ही परसूडीह बैंक ऑफ इंडिया का अमानवीय चेहरा आया सामने , वरिष्ठ नागरिक भी है बैंक के रवैये से परेशान।
जमशेदपुर ब्यूरो : जी हां ! बैंक ऑफ इंडिया परसूडीह शाखा के उपभोक्ता इन दिनों परेशानी झेलने को विवश है। वैसे तो रसूखदारों को बैंक में ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। परंतु आम उपभोक्ताओं को बैंक के कर्मी अपने व्यवहार से घंटों खड़े होने के लिए विवश कर देते हैं।
बैंक आने वाले उपभोक्ताओं को जब बैंक कर्मियों के उदासीनता एवं अकुशल व्यवहार से रूबरू होना पड़ता है तो आगंतुक हैरान हो जाते हैं। लोगों की हैरानी तब और बढ़ जाती है जब बैंक प्रबंधक भी सबकुछ देखते हुए सुस्त बने रहते हैं।
हर दिन की परेशानी और बैंक कर्मियों की कार्यशैली से अब उपभोक्ता खासे नाराज है। सोमवार को बैंक में इसी तरह का नाजारा देखने को मिला। यहां समय से बैंक कर्मी उपभोक्ताओं के काम निपटा दे यह हो नहीं सकता।
एक उपभोक्ता ने कहा कि सरकारी बैंक में खाता खुलवाकर मानों हमने कोई गुनाह कर दिया हो। आज सरकारी बैंकों के बाबूओं के इन्हीं उदासीन रवैये के कारण प्राइवेट बैंकों का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है। वहीं बैंक के इस रवैये से उपभोक्ता कह रहे हैं कहां गए वो दिन जब बैंक का नारा होता था ” कस्टमर सेटिस्फेक्शन इज आवर मोटीव” ! आज जरूरत है बैंक के वरीय पदाधिकारियों को बैंक शाखा के कर्मियों के कार्यशैली एवं उपभोक्ताओं के साथ व्यवहार में बदलाव लाने की।

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