सरायकेला- खरसावां: आयुष्मान भारत योजना के तहत डायलिसिस करा रहे मरीजों के लिए जी का जंजाल बन गया

आयुष्मान भारत योजना के तहत डायलिसिस करा रहे मरीजों के लिए जी का जंजाल बन गया है. आपको बता दें आयुष्मान भारत योजना से डायलिसिस करा रहे मरीजों के लिए अब नई व्यवस्था के तहत ही डायलिसिस कराने की अनिवार्यता कर दी गई है. इसके तहत डायलिसिस करने वाले अस्पताल को पहले आयुष्मान की तरफ से ओटीपी भेजी जाएगी. ओटीपी अप्रूव होने के बाद ही मरीजों का अस्पताल प्रशासन डायलिसिस कर सकेगा. वहीं ओटीपी अप्लाई करने के बाद 5 से 6 घंटे तक मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है. कभी-कभी तो दिन दिन भर ओटीपी नहीं आ रहा है. ऐसे में जिन मरीजों के लिए डायलिसिस बेहद जरूरी है, उन मरीजों को पैसे जमा कराने के बाद ही अस्पताल में डायलिसिस किया जा रहा है. जबकि जो मरीज पूरी तरह से आयुष्मान योजना पर ही आश्रित हैं, उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है.

वैसे यह परेशानी तो पूरे देश में आ रही होगी, लेकिन सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर स्थित मेडिट्रीना अस्पताल के मरीजों की शिकायत पर हमने जब पड़ताल किया, तो मामला सही पाया. हमने पाया, कि सुबह से ही मरीज ओटीपी के चक्कर में अस्पताल में अपनी बारी के इंतजार में बैठे हैं, जो बेहद ही गंभीर स्थिति में थे, वे पैसे देकर डायलिसिस कराते देखे गए. कुछ का तो ओटीपी दिनभर नहीं आया. मरीज इंतजार में बैठे रहे.

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