बीटा गांव में एक वृद्ध महिला 10 वर्षों से त्रिपाल के सहारे गुजर बसर कर रही,आज तक ना आवास मिला ना पेंशन ना ही राशन कार्ड

राजनगर प्रखंड अंतर्गत पोटका पंचायत के बीटा गांव में एक 70 वर्षीय वृद्ध महिला आज भी त्रिपाल के नीचे गुजर-बसर कर ने को मजबूर है। जबकि सरकार के द्वारा प्रत्येक कच्चे मकान को पक्का मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना गांव के कोने कोने तक पहुंच रही है। वहीं इस असहाय वृद्ध महिला जिनका नाम टेटे बानसिंगल है। आज भी सरकारी लाभ से वंचित है। एक सरकारी शौचालय के अलावे सरकारी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। जबकि ये महिला यहां की स्थनीय निवासी है।बेवस इस असहाय वृद्ध महिला की पुकार सुनने वाला कोई नहीं। उम्र लगभग 70 वर्ष हो चुकी है और अपना कोई नहीं ,ना पति, ना बेटा, ना बेटी बस है तो जमीन का कुछ टुकड़ा जहां वह लकड़ी से झोपड़ी नुमा घर बनाकर त्रिपाल की छांव में अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रही है। वहीं उप प्रमुख विनय सिंह देव ने बताया कि कई बार लिखित आवेदन के माध्यम से भी प्रखंड और उपायुक्त कार्यालय में भी जानकारी दी गई थी। कई बार पदाधिकारी भी बीटा गांव पहुंचकर उस वृद्ध महिला से मिले। लेकिन उस वृद्ध महिला को अब तक कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिला।


बताया जा रहा है वृद्ध महिला ( टेटे बानसिंह) आज 10 वर्षों से इसी स्थिति में अपनी बची कुची दिन गुजार रही है। पहले उनका मिट्टी का मकान हुआ करता था बारिश के दिनों में छज्जा गिर जाने के बाद से ही किसी तरह छोटी सी झोपड़ी बनाकर त्रिपाल के नीचे रह रही है ।इनको ना प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला है। ना बीपीएल कार्ड , ना ही राशन कार्ड और ना ही वृद्धा पेंशन का लाभ। केवल इस वृद्ध महिला के नाम पर एक शौचालय बना दिया गया है। जिंदगी जीने के लिए बांस की झाड़ू बना रही है और वही झाड़ू बेच कर किसी तरह जिंदगी गुजर बसर कर रही है। लेकिन अब सवाल यह उठता है सरकार जब इतनी सारी योजनाएं चला रही है तो इस वृद्ध महिला को अब तक सरकारी लाभ क्यों नहीं मिला?
अब देखना है कि इस महिला को सरकारी लाभ कब तक मिल पाता है।

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