भारत सेवाश्रम संघ पर वन अधिनियम 1927 धारा 41/42 के उल्लंघन करने पर मामला दर्ज

जमशेदपुर पोटका -भारत सेवाश्रम संघ दमाकी में 20 सागवान वृक्षों के काटने के मामले पर आज प्रशिक्षु डीएफओ आलोक वर्मा द्वारा जांच की गई जांच के दौरान लकड़ी के खूटे पर नंबरिंग करते हुए भारत सेवाश्रम के ऊपर वन अधिनियम की धारा 1927 के 41, 42 के धाराओं का उल्लंघन के मामले पर मामला दर्ज किया गया. जंगल बचाओ समिति के संरक्षक सिद्धेश्वर सरदार ने कहा की सरकार बिरसा हरित क्रांति के माध्यम से वृक्षारोपण की बात कर रही है वही इस तरह के शैक्षणिक संस्थाओं में बड़े तादात पर वृक्षों को काटना काफी दुखद है मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी लोग दोषी होंगे उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

मामला के संबंध में बताया जा रहा है कि दमाकी आश्रम के महाराज द्वारा बीस बहुमूल्य वृक्षों को काटा गया जिसको लेकर वन विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी सूचना के आलोक में आश्रम में जांच की गई जांच के दौरान बीस सागबान के वृक्ष काटे जाने का मामला सामने आया है इस मामले को लेकर वन विभाग द्वारा आश्रम की दीवार में एक नोटिस भी चिपका दिया गया है और पूछा गया है कि आपने किन परिस्थिति में वृक्षों को काटा है क्या अंचल अधिकारी से संबंध में कोई परमिशन लिया गया है या नहीं साथी ही साथ परिवहन को लेकर वन विभाग से किसी तरह की कोई परमिशन नहीं लिए जाने का मामला सीधा बन रहा है जिसको लेकर वन अधिकार अधिनियम 1927 की धारा 41, 42 का खुला उल्लंघन का मामला सामने आ रहा है जिसको लेकर प्रशिक्षु डीएफओ आलोक वर्मा ने भारत सेवाश्रम दमाकी पर एक मामला दर्ज कर दिया है वही जंगल बचाओ समिति के संरक्षक सिद्धेश्वर सरदार का कहना है कि एक तरफ सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण करवाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ भारत सेवाश्रम जैसी संस्था द्वारा इस तरह बड़े पैमाने पर बहुमूल्य वृक्षों को काटा जाना काफी दुखद मामला है हम सब वृक्षारोपण और वृक्ष बचाओ आंदोलन में लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं कि किसी तरह जंगल बचे जिससे जीविका चल सके मगर इस तरह के कार्य काफी घृणित है मामले की उच्चस्तरीय जांच करते हुए दोषियों पर अभिलंब कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को सीख मिले और इस तरह के वृक्षों को काटे जाने से रोक लग सके.

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