देश तीव्र गति से आगे बढ़ता जा रहा है पर आज भी अंधविश्वास ग्रामीणों पर हावी है
शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वजों के समय से मकर संक्रांत के दूसरे दिन चिड़ी दाग का आयोजन किया जाता है जहां नवजात बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों के पेट में गर्म गर्म सरिया दागकर रोगों को दूर भगाने की मान्यता है पर ग्रामीणों की माने तो वो इसे कतई अंधविश्वास मानने को तैयार नहीं हम बात कर रहे हैं झारखंड राज्य के सबसे बड़े त्यौहार मकर संक्रांत के बाद मनाए जाने वाले चिड़ी दाग की.

जहां आग की लपटों में सरिया को गर्म कर नवजात बच्चों से लेकर बड़ों तक के पेट में यह गर्म गर्म सरिया स्पर्श कर विभिन्न रोगों को दूर करने की मान्यता है.

