किसानों के समर्थन में उड़ीसा से 500 किसानों का जत्था दिल्ली कुछ कर चुका है
पिछले 55 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर कृषि बिल 2020 के विरोध में धरने पर बैठे आंदोलनरत किसानों के समर्थन में उड़ीसा से 500 किसानों का जत्था दिल्ली कुछ कर चुका है किसानों का जत्था सड़क मार्ग से बहरागोड़ा होते हुए शनिवार को जमशेदपुर पहुंचा. जहां जमशेदपुर में इन किसानों का सामाजिक राजनीतिक एवं किसान संगठनों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. वहीं जत्थे में शामिल किसानों का सेवादारों ने सेवा भी किया और उन्हें भोजन कराकर उनके अभियान को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया. जमशेदपुर के मानगो बालिगुमा फुटबॉल मैदान में दिल्ली कूच पर निकले किसानों की सेवा की गई.

इससे पहले सभी ने बाबा तिलका मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किसान आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया. वहीं किसानों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता अक्षय कुमार ने देश में तानाशाही शासन होने की बात कही. उन्होंने कृषि बिल 2020 को काला कानून बताते हुए केंद्र सरकार से अविलंब इस बिल को वापस लिए जाने की मांग की. उन्होंने बताया, कि इस जत्थे का अगला पड़ाव रांची, पटना, बनारस होते हुए 21 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगा. 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर 26 तारीख से किसान आंदोलन में यह जत्था शामिल हो जाएगा. इस बीच सभी पड़ाव से किसान इस जत्थे में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि देश की जनता को खुलकर किसानों का साथ देना चाहिए. लाखों- लाख की संख्या में लोग सड़क पर उतरे और किसानों के विरोध प्रदर्शन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. वहीं जमशेदपुर में किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे किसान नेता भगवान सिंह ने आंदोलनरत किसानों को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया.

साथ ही जमशेदपुर से भी किसान आंदोलन में जाने वाले किसानों को सहयोग का भरोसा दिलाया. वहीं कांग्रेसी नेता मुन्ना शर्मा ने केंद्र सरकार को तानाशाही सरकार बताते हुए हर संभव किसानों को सहयोग करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने भी किसानों के जत्थे का अपने समर्थकों के साथ सेवा किया और उन्हें भोजन पानी करा कर विदा किया. इस दौरान झामुमो, वामदल सहित अन्य राजनीतिक संगठन के भी लोगों के साथ किसान संगठन से जुड़े नेता एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
