मजदूर संघ प्रदर्शन

श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ देशभर के मान्यता प्राप्त केंद्रीय श्रम संगठनों ने आज राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाया. वैसे इसमें इंटक, सीटू, एटक एकटु एचएमएस आईयूटीयूसी जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया. जमशेदपुर के साक्षी स्थित गोल चक्कर पर प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला जहां इन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण कोल्हान में भी नियोक्ताओं ने तालाबंदी, छटनी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, वेतन कटौती, डीए फ्रीज, पीएफ विसंगतियां, काम के घंटे में वृद्धि जैसे कई मजदूर विरोधी कानून बनाकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का शोषण कर रहे हैं. दूसरी ओर जल्दबाजी के साथ संसद में पारित किए गए श्रम कानून के कारण 74 फ़ीसदी से अधिक औद्योगिक श्रमिक और 70 फ़ीसदी औद्योगिक प्रतिष्ठानों में मजदूरों के कानूनी अधिकार सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा को रौंदे जाने का आरोप इन्होंने लगाया.

वहीं कृषि बिल के सम्बंध में इन्होंने बताया कि यह भी एक कला कानून है. इसके माध्यम से केंद्र सरकार अपने कारपोरेट आकाओं को संतुष्ट करने के लिए मजदूर और किसान दोनों को कारपोरेट के गुलाम बनाने में लगे हुए हैं. इन्होंने बताया मजदूर और किसान ही वास्तव में देश के लिए जीडीपी का उत्पादन करते हैं. वैसे इन्होंने साफ कर दिया है, कि अब हर स्तर पर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया जाएगा जिसका शंखनाद कोल्हान से शुरु हो चुका है.