सरकारी बैंकों को 20 हजार करोड़ की मदद दे सकती है सरकार

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वित्त मंत्रालय मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 20,000 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दे सकता है।

दरअसल, सरकार ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए संसद से कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है। इसके मद्देनजर हाल ही में समाप्त संसद सत्र में 2020-21 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग के पहले चरण के तहत सरकारी बैंकों को 20,000 करोड़ रुपये की मदद की मंजूरी मिली है।
सूत्रों का कहना है कि बैंकों के दूसरी तिमाही के आने वाले नतीजे बताएंगे कि किस बैंक को नियामकीय पूंजी की जरूरत है। उसके अनुरूप जरूरत पड़ने पर नियामकीय पूंजी की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराई जा सकती है।

सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी और बॉन्ड के जरिये पूंजी जुटाने की मंजूरी पहले ही शेयरधारकों से मिल चुकी है।

सरकार ने पूंजी डालने पर नहीं जताई थी प्रतिबद्धता

केंद्र ने 2020-21 के बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डालने को लेकर प्रतिबद्धता नहीं जताई थी। उम्मीद थी कि बैंक जरूरत के अनुरूप बाजार से पूंजी जुटा लेंगे। 2019-20 में सरकार ने इन बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये डाले थे। इसमें पंजाब नेशनल बैंक को 16,091 करोड़ रुपये मिले थे।

यूनियन बैंक को 11,768 करोड़, केनरा बैंक को 6,571 करोड़, इंडियन बैंक को 2,534 करोड़, इलाहाबाद बैंक को 2,153 करोड़, यूनाइटेड बैंक को 1,666 करोड़ रुपये और आंध्रा बैंक को 200 करोड़ रुपये मिले थे। अन्य बैंकों को भी पूंजीगत मदद मिली थी।

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