उप्र के जेलों में फूटा कोरोना बम, 1200 कैदी पॉजिटिव

आनंद कुमार ने कहा कि एहतियाती उपायों के बावजूद, कई कैदी संक्रमित हो गए हैं. मुख्य कारणों में इलाज के लिए जेल के बाहर बीमार रोगियों की आवाजाही और कोरोना पॉजिटिव जिन स्टाफ सदस्यों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए हैं, उनके द्वारा भी जेल के अंदर संक्रमण फैला है.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 71 जेलों में ऐसे 1,200 कैदी हैं जो कोविड-19 से संक्रमित हैं. जेल प्रशासन एवं सुधार सेवाओं के महानिदेशक आनंद कुमार (Anand Kumar) के अनुसार, राज्य के अस्थायी और स्थायी जेलों में 5,000 स्टाफ सहित लगभग 1,40,000 परीक्षण किए गए हैं और अब तक 7,000 से अधिक जांच में कोरोना पॉजिटिव निकल चुके हैं. वायरस से दो कैदियों की मौत भी हो गई.

किसी मरीज की हालत गंभीर नहीं
अधिकारी ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में, फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में 128 कैदी जांच में कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. 76 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए और उन सभी को इलाज के लिए एक अलग जेल बैरक में रखा गया. फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक एस.एच.एम. रिजवी (S H M Rizvi) ने कहा कि पहला मामला 20 सितंबर को सामने आया था और तब से 128 कैदी बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं. हालांकि, किसी मरीज की हालत गंभीर नहीं है.

जेल में चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया गया
उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए जेल के अंदर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया गया है. वर्तमान में 1,600 की क्षमता वाले फतेहगढ़ की जेल में लगभग 2,000 कैदी हैं. उन्होंने कहा, ‘हम एहतियात के तौर पर सभी कैदियों को काढ़ा, गर्म पानी और होम्योपैथी दवाएं प्रदान कर रहे हैं. हर कैदी को मास्क वितरित किए गए हैं.’

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