कोरोना का असर दूसरे वर्ष भी रंगों के दुकानों में दिखा, ग्राहक नही,दुकानदार मायूस
इस वर्ष भी कोरोना का असर रंगों की बिक्री पर दिखने लगा है बाजारों में दुकानें तो सज गई लेकिन खरीदार नजर नहीं आ रहे हैं।
लगातार दूसरे वर्ष भी रंगों के बाजार फीका नजर आ रहा है वैसे होली का पर्व रंगों और उमंगों का है रंग के बिना यह पर्व अधूरा सा लगता है लेकिन रंगो के दुकानदार मायूस है। रंग-बिरंगे रंगो , आकर्षक पिचकारिया और मुखौटो से पटा बाजार तो सज गई लेकिन ग्राहक ना के बराबर है। ऐसे ही नजारा जमशेदपुर के साकची बाजार में देखने को मिला जहां दुकानदार ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे हैं दुकानदारों का कहना है कि एक समय था जब होली के 4 दिन पूर्व से ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ती थी जिन्हें संभालना कभी-कभी मुश्किल हो जाता था। लेकिन कोरोना का कहर ऐसे बरपा की लगातार दूसरा वर्ष भी उसका असर देखने को मिल रहा है पिछले वर्ष दुकान ही नहीं लगा पाए इस वर्ष कुछ उम्मीद के साथ दुकान तो लगाया गया लेकिन ग्राहक ना के बराबर है ऐसे में वर्ष भर एक उम्मीद के साथ दुकान लगाते हैं कि कुछ आमदनी हो जिससे परिवार का भरण पोषण हो सके लेकिन इस कोरोना का डर इस तरह से लोगों में समाया हुआ है की जिसका असर उनके रोजी रोटी में पड़त दिख रहा है।