कोल्हान में अन्य जिलों के मुकाबले बिजली बिल की दरों में आसमानताएं होने के कारण लगातार उद्योगों का दूसरे जिले में पलायन हो रहा है। इसका मुख्य कारण है झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड और डीवीसी के बिजली दरों में आ समानताएं। जीएसईबी के बिजली दर के मुकाबले डीवीसी का बिजली दर में 40% की कमी है। एक उद्योग के लिए उसका सबसे मुख्य रॉ मटेरियल बिजली को ही माना जाता है, क्योंकि एक कंपनी को चलाने के लिए काफी मात्रा में बिजली की खपत होती है और उसी के अनुसार बिजली बिल का भुगतान एवं आय व्यय निर्भर करता है। ऐसे में जेएसईबी का भारी भरकम बिजली भुगतान करने के बजाए उद्योगपति अपने उद्योग को दूसरे जिले में स्थापित करना बेहतर समझ रहे हैं, क्योंकि कोल्हान में डीवीसी का बिजली सप्लाई नहीं है, जबकि गिरिडीह बोकारो धनबाद एवं अन्य जिलों में डीवीसी की बिजली सप्लाई होती है जिसका दर अन्य से 40% कम है। उद्योगों के पलायन के वजह से जिले में आर्थिक सहित रोजगार का संकट उत्पन्न हो रहा है, इसको लेकर सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की नवनियुक्त कमेटी ने चिंता जताई है। अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने कहा की जमशेदपुर, इंडस्ट्रीज एरिया है और यहां से उद्योग का पलायन करना काफी चिंताजनक मामला है, जिसको लेकर वे राज्य सरकार से मांग करेंगे कि झारखंड के अन्य जिलों की तरह कोल्हान में भी डीवीसी की सप्लाई की जाए ताकि पलायन हो रहे उद्योग को रोक सके और नए उद्योग जमशेदपुर में फिर से स्थापित हो। उन्होंने उद्योगों के विस्तार और एयरपोर्ट के मसले पर भी अपनी बातों को रखते हुए कहा कि अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी ट्रेड कमीशनर की नियुक्ति होनी चाहिए साथ ही जमशेदपुर के मानगो या आदित्यपुर में ट्रेडिंग कलस्टर का निर्माण की जाए, जहां सभी तरह के व्यापार और थोक विक्रेता का समायोजन और उसका कार्यालय हो साथ ही लोड अनलोडिंग की व्यवस्था आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हो। उन्होंने कहा कि आदित्यपुर लघु उद्योग के लिए माना जाता है, जहां अब टू व्हीलर फोर व्हीलर के साथ ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकाई की स्थापना होनी चाहिए जिससे मौजूदा अनुषंगी कंपनी को भी काफी फायदा होगा।वही सरकार को एयरपोर्ट निर्माण की ओर भी ध्यान देने चाहिए क्योंकि एयरपोर्ट की सही व्यवस्था हो जाने से दूसरी राज्य के व्यवसाई और उद्योगपति हमारे क्षेत्र में व्यापार को नया आयाम देने में सफल हो पाएंगे इन सभी मामलों को लेकर जल्द ही चेंबर राज्य और केंद्र सरकार के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे।