वीर रक्तवीर योद्धा शुभेंदु मुखर्जी के चलते जमशेदपुर शहर बना मिसाल. मां के अर्थी को कंधा दिए महज कुछ ही दिन हुए कि पीएसएफ के रक्तवीर योद्धा शुभेंदु मुखर्जी ने एक जरुरतमंद के लिए 38 बां एसडीपी रक्तदान कर स्वगीर्य मां को अर्पण किया श्रद्धांजलि. आज मां को सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि अर्पण हुआ.
जमशेदपुर के इतिहास में पहली बार मानवता का जीता जागता उदाहरण आज देखने को मिला. ऐसे ही जमशेदपुर शहर को रक्तदाताओं का शहर नही कहा जाता. आज दिनांक 2 जुलाई 2024 को जैसे ही पीएसएफ के रक्तवीर योद्धा शुभेंदु मुखर्जी को जानकारी मिला कि अस्पताल में इलाजरत किसी जरूरतमंद को एसडीपी रक्त की जरूरत है. पहले सोचा कि मां को पंचतत्व में विलीन किए हुए महज कुछ ही दिन हुए हैं. तन में तो सही से कपड़े भी नहीं है. कैसे ब्लड सेंटर पहुंचकर जीवनदाई बने. परन्तु मां के द्वारा प्राप्त शिक्षा जो आज संस्कार में तब्दील हो चुका है, उसी को सामने रख पहुंच गए जमशेदपुर ब्लड सेंटर. और आज अपना 38 बां एसडीपी रक्तदान करते हुए अपना 70 बां स्वैच्छिक रक्तदान को पुरा किया. इसी एसडीपी रक्तदान के जरिए पीएसएफ ने एसडीपी रक्तदान महा अभियान में 895 बां एसडीपी रक्तदान भी पुरा कर लिया. ऐसे ही वीर रक्तवीर योद्धाओं से पटा पड़ा है प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन यानी पीएसएफ परिवार में. सही में गर्व होता है ऐसे वीर रक्तवीर योद्धाओं के उप्पर. जो सिर्फ और सिर्फ मानव सेवा को ही सर्वोपरि रखते हुए एक जीवनदाई बनने का कार्य करता है. रक्तदान करने के पश्चात रक्तवीर योद्धा शुभेंदु मुखर्जी जी को प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन एवं जमशेदपुर ब्लड सेंटर की और से प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह एवं रक्तदाता जागरूकता टी-शर्ट प्रदान किया गया. इस पावन बेला पर उपस्थित रहे जमशेदपुर ब्लड सेंटर के वरीय चिकित्सक डॉक्टर लव बहादुर सिंह, डॉक्टर निर्जला झा, अनुभवी तकनीशियन अनुप कुमार श्रीवास्तव, प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार, उत्तम कुमार गोराई एवं नमो फैन्स क्लब के संरक्षक शतीश शर्मा.