भारत में दर्जनों सांसदों और सैकड़ों विधायकों के मीडिया सलाहकार अखबार और चैनल छोड़कर जा चुके पत्रकार ही बने हुए हैं.इसके बावजूद वैसे सांसद और विधायक लोकसभा, राज्यसभा या विधानसभाओं में पत्रकार सुरक्षा कानून,आवास या पेंशन योजना पर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते.यहां तक कि राज्यसभा में सभापति रहे वयोवृद्ध पत्रकार हरिवंश भी इस दिशा में कभी कुछ न कर पाए.यानि पत्रकारों की आवाज सिर्फ और सिर्फ AISMJWA ही है और यही एक ऐसा संगठन है जो बहुत जल्द इतिहास रचेगा
🙏🏻तैयार रहें बहुत जल्द फिर मैदान में उतरने की तैयारी है🙏🏻