आदिवासी हो समाज ने जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया इस कार्यक्रम के जरिए इस समाज के लोग गांव-गांव घूमकर अपनी संस्कृति परंपरा और वेशभूषा को बरकरार रखने को लेकर लोगों को जागरूक किया यह कार्यक्रम पदमपुर ग्रामपंचायत के मौजा- कोटुवाँ गांव में चलाया गया । कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों को प्राथमिक विद्यालय कोटुवाँ के परिसर में जुटान किया गया । सर्वप्रथम यहाँ ग्रामीणों के साथ विलुप्त हो रहे सांस्कृतिक एवं दार्शनिक बिंदुओं पर मौजूदा परिस्थितिओं को साझा किया गया ।आधुनिक जीवन में समाज की गैरजिम्मेदारी एवं भटकाव पर गहरा चिंता व्यक्त करते हुये ग्रामीणों से अपील किया कि अपने गाँव में पारंपरिक पर्व-त्योहारों को मनाने के लिये दमा-दुमंग(वाद्य-यंत्र) एवं अन्य पूज्यनीय सामग्रियाँ राजनेताओं और कॉर्पोरेट घरानों से व्यवस्था न करायें ।
समाज के नेता स्वयं से बतौर सामाजिकता सहयोग करें तो स्वागत जरूर है । मगर ग्रामीणों को दबाव नही डालनी चाहिये । सिर्फ नेताओं और कॉर्पोरेट कंपनी से चंदे लेकर व्यवस्था करने से समाज के प्रति व्यक्ति की जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है । उन सभी सामग्रियों के रख-रखाव और प्रबंधन को लेकर लापरवाही बरतते हैं । जिससे स्वयं की जिम्मेदारी कम और ज्यादा निर्भरता के कारण सामाजिक गरीबी के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास भी नही कर पाते हैं । इसके प्रति तमाम जागरूकता को लेकर ग्रामीणों को जानकारी दिया । वही बाल-विवाह पर रोकथाम को लेकर अभियान भी चलाया जाएगा । बाल-विवाह के कारण परिवारिक जीवन में दरारें आती है और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम नही हो पाते हैं.