लॉकडाउन के आदेश के साथ-साथ शहर के छोटे बड़े संस्थानों में एक दुख का लहर छा गया है। जहां 1 साल बाद सभी संस्थान अपने आप को संभाल के खड़ा होना शुरू ही किया था की , अब फिरसे लॉकडाउन उनके जीवन में अंधेरा लेके आ गया है । छोटे स्कूल तो पहले ही काफी बंद हो चुका था, अब शायद और भी संस्थान दम तोड़ देगी । अगर संस्थानों को बंद करने के बजाए ,सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए चलाने का आदेश जारी करते, तो शायद इन संस्थानों के लिए जीने का जरिया साथ रहता ।
अब तो धरातल में चला जाएगा सभी बचे हुए संस्थान ,जहां स्कूल एवं जिम क्लास को भी बंद कराया गया है । लेकिन जिसमें बॉडी टू बॉडी कनेक्ट होने वाला संस्थान है , जैसे कि स्पा एवं सलोन उसे बंद करने की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. क्या इन जगहों में कोरोना नहीं पहुंच पाएगी? सरकार को इस विषय में ध्यान देना चाहिए ताकि भूख से आदमी अपने आप को क्षतिग्रस्त ना करें, कर्ज तले दबकर अपने आप को समाप्त ना कर दे। सभी विषय पर ध्यान देते हुए सरकार को अपने आदेश जारी करना चाहिए। जिससे लोगो का जीवन चलता रहे । वरना कोरोना नही तो भूख ही मार डालेगी।