झारखंड सरकार ने एक अहम फैसले के तहत देर रात पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता चंपाई सोरेन, उनके बेटे सहित अन्य प्रमुख नेताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया। इस कार्रवाई के बाद, उनके समर्थक और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने यह फैसला राजनीतिक और सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र लिया। चंपाई सोरेन, जो हाल ही में भाजपा के साथ जुड़े थे, लंबे समय से राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। इस घटना के बाद सोरेन के समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है, और कई इलाकों में प्रदर्शन की भी खबरें सामने आ रही हैं।
ग्रामीणों ने अपनी ओर से सोरेन और उनके परिवार की सुरक्षा का जिम्मा उठाया है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि सरकार की इस कार्रवाई के बावजूद वे चंपाई सोरेन का समर्थन करते रहेंगे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है, और आने वाले दिनों में इसके और भी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।