एक महिला छठ व्रती अस्तगामी सूर्य को अर्ध्य देने के लिए जब तालाब के पानी में उतरी तो, वह फिर पूरी रात उसी तालाब के पानी में खड़ी होकर भगवान भास्कर की आराधना में लीन रही।

धनबाद : एक महिला छठ व्रती अस्तगामी सूर्य को अर्ध्य देने के लिए जब तालाब के पानी में उतरी तो, वह फिर पूरी रात उसी तालाब के पानी में खड़ी होकर भगवान भास्कर की आराधना में लीन रही। फिर सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर ही पानी से बाहर निकली। इस महिला छठ व्रती की चर्चा शहर में जोरों पर है।
यूं तो श्रद्धालुओं की आस्था के एक से एक बढ़कर उदाहरण है, परंतु कोयलांचल धनबाद के सदर थाना क्षेत्र स्थित वाच एंड वार्ड स्थित पम्पू तलाब में चिरगोड़ा हीरापुर निवासी एक महिला छठ व्रती ने भगवान भाष्कर के प्रति अपनी आस्था का परिचय देते हुए चैती छठ पर्व को मनाया।

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो महिला व्रती शादी के बाद 10 वर्षों तक निसंतान थी। ऐसे में उन्होंने संतान होने की मन्नत रखी थी कि संतान होने के बाद वह भगवान भास्कर की आराधना में चैती छठ पर्व का व्रत करेंगी और पूरी रात पानी में खड़े रहकर भगवान भास्कर की आराधना करेंगी। इसी मन्नत को पूरी करने के लिए महिला छठ व्रती ने अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात पूरी रात तालाब के पानी मे खड़ी रहकर भगवान भाष्कर की आराधना में लीन रही। यह मामला सदर थाना क्षेत्र स्थित वाच एंड वार्ड कॉलोनी स्थित पम्पू तालाब की है। जहां उन्होंने पूरी रात पंपू तालाब के जल में रह कर पूरी रात भगवान की आराधना में लीन रही और सुबह के उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर पानी से बाहर निकली। महिला व्रती की आस्था को देखते हुए लोगों ने उन्हें श्रद्धा पूर्वक प्रणाम किया। जबकि महिला व्रती के रात भर पानी में खड़े रहने से कई लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली है। इस दौरान महिला छठ व्रतियों के पड़ोसियों व परिजनों ने उनकी मन्नत को पूरी करने के लिए पूरी रात छठ तलाब के घाट पर मौजूद रहे और उन्हें सहयोग किया।

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