मोर का नृत्य मन को प्रफुल्लित कर देता है.
Potka – आसमान में बादल छाए हो और सुबह- सुबह का मौसम हो इस बीच मोर का नृत्य देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है जी हाँ ऐसा एक दृश्य झारखंड – उड़ीसा बॉर्डर के टांग राईन स्कूल के समीप जो जंगल से सटा हुआ है वहां एक मोर नृत्य करते हुए एवं विचरण करते हुए दिखाई दिया जो जंगल से उड़कर आते हैं और गांव में भोजन आदि कर वापस जंगल लौट जाते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगल किनारे बसने गांव में बिच्छु एवं जहरीले साँप का आतंक रहता है मगर मोर के रहने पर जहरीले सांप का खतरा नहीं होता क्योंकि मोर जहरीले कीड़े मकोड़े एवं सांप को खा जाते हैं इन मोरो को हम लोग चावल धान आदि खाने को देते हैं और यह मोर हमारी सुरक्षा करते हैं.
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