कैसा देश और कैसा है नियम।

जहां लोग व्यायाम और योग कर अपने को स्वस्थ रखता है ,उसे बंद कर दे रहे है , जो ऑनलाइन नहीं हो सकता है । बैंक के सारे काम ऑनलाइन हो सकता है ,लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहे है । बैंक में भीड़ क्यों? कंपनी में कोई रोक नही है क्यों ? सैलून ओर स्पा खुली है क्यों? हम यह नही बोल रहे है कि उसे भी बंद कीजिए बल्कि ध्यान देने की जरूरत है।

आप को जीना होगा कोरोना  से लड़कर ।क्योंकि आप बता नही सकते कि कोरोना से कब हमे मुक्ति मिलेगी। साबधानी के साथ आपको सभी चीजों को चलाना होगा, क्योंकि यह सारे ग्लोबल वार्मिंग का ही असर है। हमें सोचना होगा इन बीमारियों के साथ कैसे सावधानी से चले, हमारे तौर-तरीके बदलने होगें।  किसी भी चीज को बंद करके आप ज्यादा दिन तक नहीं जी सकते ,सभी चीजों को सावधानी के साथ नए तरीके से हमें चलाना होगा, और लड़ना होगा जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए । क्यों कि आने वाले दिनों में आप को और भी कठिन परिस्थितियों के साथ जूझना होगा, ये तो शुरुवात है । बदलना होगा जीने की तरीके। सरकार को जरूरत है इस बिषय पर ध्यान देने की। आप को बंद नहीं करना है आपको नियम ढूंढना होगा इनसे लड़ने के लिए।

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